MP-CJ-2024 ALL SYLLABUS Q6
QUIZ NO 1
TOTAL QUESTIONS = 20
1. सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908-कौन सा प्रावधान उपबंधित करता है कि हर वाद के अंतर्गत पूरा दावा होगा जिसे कि उस वाद-हेतुक के विषय में करने वादी हकदार है ?
A. आदेश 2 नियम 7
B. आदेश 2 नियम 1
C. आदेश 2 नियम 2
D. आदेश 2 नियम 6
2. संपत्ति अंतरण अधिनियम, 1882 - जहां कि दाता की पूरी संपत्ति का दान है वहां आदाता दान के समय के दाता के सब शोध्य ऋणों और दायित्वों के लिए वैयक्तिक रूप से किस सीमा तक दायी है ?
A. दान में समाविष्ट संपत्ति के विस्तार तक।
B. किसी भी विस्तार तक दायी नहीं है।
C. केवल उस संपत्ति के विस्तार तक, जिस पर बाध्यता का बोझ है।
D. दाता के सभी दायित्वों के विस्तार तक।
3. सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908-निम्नलिखित में से कौन सा डिक्री नहीं है?
A. व्यतिक्रम के लिये ख़ारिज करने का आदेश।
B. न्यायालय फीस का भुगतान न करने के लिए वाद-पत्र को नामंजूर करने का आदेश।
C. न्यायालय का एक आदेश जिसमें कहा गया है कि वाद लाने का अधिकार बचा नहीं है।
D. इनमें से कोई नहीं।
4. भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872-क्या कोई लेखाकार कारबार के अनुक्रम में नियमित रूप में स्ली जाने वाली बहियों में उसके द्वारा अभिलिखित तथ्यों का परिसाक्ष्य दे सकेगा, यद्यपि वह प्रविष्ट किए गए विशिष्ट संव्यवहारों को भूल गया हो?
A. नहीं, क्योंकि वह विशिष्ट संव्यवहारों को भूल गया है ।
B. नहीं, क्योंकि यह उपधारणा नहीं की जा सकती है कि उसने बहियाँ ठीक-ठीक रखी थी।
C. हाँ, यदि वह जानता हो कि बहियाँ ठीक-ठीक रखी गई थीं।
D. उसके द्वारा अभिलिखत तथ्यों का परिसाक्ष्य नहीं दे सकेगा।
5. सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908-निम्नलिखित में से कौन सा मामला/ से मामले सिविल न्यायालय की अधिकारिता के अपवर्जन को नियंत्रित करने के लिए सिद्धांत प्रतिपादित करता करते हैं -
A. धूलाभाई और अन्य बनाम मध्य प्रदेश राज्य एवं एक अन्य ए आई आर 1969 एस सी 78
B. प्रीमियर ऑटोमोबाइल्स लिमिटेड बनाम कमलेश्वर शांताराम वडके (1976) 1 एस सी सी 496
C. राजस्थान राज्य सड़क परिवहन निगम एवं एक अन्य बनाम कृष्ण कांत एवं अन्य (1995) 5 एस सी सी 75
D. उपरोक्त सभी
6. म.प्र. भू-राजस्व संहिता, 1959 - कोई व्यक्ति राजस्व मण्डल के सदस्य के रूप में नियुक्ति के लिए तक अर्हित नहीं होगा, जब तक कि वह-
A. राजस्व अधिकारी न रह चुका हो, और कलेक्टर की पद श्रेणी से अनिम्न श्रेणी का पद कम से कम पाँच वर्ष तक धारण न कर चुका हो।
B. राजस्व अधिकारी न रह चुका हो, और कलेक्टर की पद श्रेणी से अनिम्न श्रेणी का पद कम से कम दस वर्ष तक धारण न कर चुका हो।
C. राजस्व अधिकारी न रह चुका हो, और कलेक्टर की पद श्रेणी से अनिम्न श्रेणी का पद कम से कम तीन वर्ष तक धारण न कर चुका हो।
D. राजस्व अधिकारी न रह चुका हो, और कलेक्टर की पद श्रेणी से अनिम्न श्रेणी का पद कम से कम सात वर्ष तक धारण न कर चुका हो।
7. भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872-अ ने न्यायालय में सबूत के तौर पर उपयोग के लिए निम्न दस्तावेज़ प्राप्त कर लिए हैं। इनमें से कौन सा दस्तावेज़ साक्ष्य में अग्राह्य हैं: I. अनुचित साधनों द्वारा प्राप्त किया गया दस्तावेज। II. अवैध साधनों द्वारा प्राप्त किया गया दस्तावेज।
A. I और ।। दोनों
B. केवल ।
C. केवल II
D. न तो I और न II
8. भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 की धारा 69 निम्नलिखित स्थिति में लागू की जा सकती है: I. यदि ऐसे किसी अनुप्रमाणक साक्षी का पता न चल सके। II. केवल तभी जब अनुप्रमाणक साक्षी की अनुपस्थिति का पर्याप्त कारण नहीं हो।
A. केवल I
B. केवल II
C. । और II दोनों
D. न तो । और न ही ॥
9. म.प्र. भू-राजस्व संहिता, 1959- जहां तहसीलदार के समक्ष बंटवारे की कार्यवाही प्रस्तुत की जाती है तथा उसमें हक संबंधी प्रश्न उठाया जाता है तो तहसीलदार -
A. अधिकार अभिलेख में अभिलिखित प्रविष्टियों के आधार पर सम्पत्ति के बंटवारे की कार्यवाही करेगा।
B. कार्यवाही को तीन माह तक की अवधि के लिए रोक देगा जिससे हक के प्रश्न के अवधारण के लिए सिविल वाद का संस्थित किया जाना सुकर हो जाये।
C. स्वत्व के निर्धारण हेतु तथा उक्तानुसार सम्पत्ति के बंटवारे हेतु कार्यवाही को व्यवहार न्यायालय भेज देगा।
D. बंटवारे की कार्यवाही को निरस्त कर देगा क्योंकि स्वत्व का निर्धारण न होने तक बंटवारा संभव नहीं है।
10. सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908-ए ने अचल संपत्ति पर कब्ज़ा वापस पाने के लिए बी पर वाद किया। बचाव यह है कि बी संपत्ति का स्वामी है। वाद लंबित रहने के दौरान बी को दिवालिया घोषित कर दिया गया और उसकी संपत्ति आधिकारिक समनुदेशिती में निहित हो जाती है, क्योंकि समनुदेशन का आदेश संचालित होता है -
A. मुकदमे की विषय-वस्तु में दिवालिया के हित के वैधानिक हस्तांतरण के रूप में आधिकारिक समनुदेशिती को
B. मुकदमे की विषय-वस्तु में दिवालिया के हित के गैर-वैधानिक हस्तांतरण के रूप में आधिकारिक समनुदेशिती को
C. दोनों (1) व (2) विकल्प
D. इनमें से कोई नहीं
11. सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 सूचना- प्रोद्योगिकी अधिनियम, 2000 की कौन सी धारा इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख के अभिप्रमाणीकरण से संबंधित है ?
A. धारा 2(1) (द)
B. धारा 3
C. धारा 5
D. धारा 7
12. दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973-दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 258 के अंतर्गत मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट किन मामलों की कार्यवाही को किसी भी प्रक्रम में कोई निर्णय सुनाये बिना रोक सकता है?
A. परिवाद से भिन्न आधार पर संस्थित वारंट मामले में।
B. पुलिस रिपोर्ट के आधार पर संस्थित वारंट मामले में।
C. परिवाद से भिन्न आधार पर संस्थित समन मामले में।
D. पुलिस रिपोर्ट से भिन्न आधार पर संस्थित समन मामले में।
13. भारतीय दण्ड संहिता, 1860 ग को य की हत्या करने को उकसाने के लिए ख को क उकसाता है। ख तदनुकूल य की हत्या करने के लिए ग को उकसाता है और ख के उकसाने के परिणाम स्वरूप ग उस अपराध को करता है। क -
A. किसी अपराध का दोषी नहीं है।
B. हत्या के लिए उकसाने का दोषी नहीं है।
C. साजिश द्वारा उकसाने का दोषी है।
D. हत्या के लिए उकसाने का दोषी है
14. भारतीय दण्ड संहिता 1860-क यह जानते हुए कि ख नेय की हत्या की है ख को दण्ड से प्रतिच्छादित करने के आशय से मृत शरीर को छिपाने में ख की सहायता करता है। क दण्ड का दायी होगा-
A. दोनों में से किसी भांति के कारावास से जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा।
B. दोनों में से किसी भांति के कारावास से जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी और जुर्माने से भी।
C. दोनों में से किसी भांति के कारावास से जिसकी अवधि पांच वर्ष तक की हो सकेगी और जुर्मान से भी।
D. दोनों में से किसी भांति के कारावास से जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, अथवा जुर्माने से अथवा दोनों से।
15. परक्राम्प लिखत अधिनियम, 1881-निम्नलिखित में से कौन सा मामला परक्राम्य लिखत अधिनियम, 1881 पर उच्चतम न्यायालय की संवैधानिक पीठ के द्वारा निर्णित है?
A. इन रीः धारा 138 एनआई अधिनियम के तहत मामलों की शीघ्र सुनवाई, 2021 एससीसी ऑनलाइन एससी 354
B. दशरथभाई त्रिकमभाई पटेल बनाम हितेश महेंद्रभाई पटेल एवं एक अन्य, (2023) 1 एससीसी 578
C. दिलीप हरीरमानी बनाम बैंक ऑफ बड़ौदा, 2022 एससीसी ऑनलाइन एससी 579
D. गजानंद बुरांगे बनाम लक्ष्मी चंद गोयल, 2022 एससीसी ऑनलाइन एससी 1711
16. भारतीय दण्ड संहिता, 1860-निम्नलिखित में से किस मामले में अभियुक्त उपहति के अपराध के दण्ड के लिए उत्तरदायी है: I. आक्रामक तरीके से बाल पकड़कर घसीटना II. हमले के दौरान चेहरे पर मुक्का मारना III. पीठ पर जोरदार लात मारना IV. दूसरे को असंतुलित करने के लिए धक्का मारना
A. केवल I
B. केवल I और II
C. केवल I,II और III
D. I,II,III और IV
17. सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 के किस प्रावधान के अंतर्गत वाद खारिज करने की दशा में वादी को उसी वाद हेतुक पर नया वाद लाने से प्रवारित कर दिया जाएगा –
A. आदेश IX नियम 2 के अंतर्गत
B. आदेश XI नियम 21 के अंतर्गत
C. आदेश IX नियम 3 के अंतर्गत
D. आदेश XI नियम 3 के अंतर्गत
18. भारतीय दण्ड संहिता, 1860-य की सदोष हानि करने के आशय से, उसके बर्फ घर में क पानी छोड देता है, और इस प्रकार बर्फ को गला देता है। क ने कौनसा अपराध किया है?
A. न्यास भंग
B. न्यूसेन्स
C. रिष्टि
D. दुर्विनियोग
19. भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872-पुलिस अभिरक्षा में एक अभियुक्त थाना प्रभारी को सूचित करता है कि वह चाबी जिसके द्वारा उसने तिजोरी को खोलकर चोरी की है उसने अपने घर के आगंन में रखी है। उक्त सूबना किस सीमा तक साबित की जा सकती है।
A. यह कि उसने चोरी का अपराध कारित किया।
B. यह कि उसने तिजोरी का ताला खोला।
C. यह कि उसने तिजोरी का तला खोलकर चोरी की एवं साक्ष्य नष्ट किया।
D. यह कि उसने चाबी को घर के आगंन में रखा।
20. परक्राम्य लिखत अधिनियम, 1881-परक्राम्य लिखत अधिनियम, 1881 की धारा 91 के अंतर्गत, अप्रतिग्रहण द्वारा अनादर तब होता है जबः
A. ऊपरवाल संविदा के लिए अक्षम है।
B. प्रतिग्रहण विशेषित है।
C. उपस्थापन करने से अभिमुक्ति दे दी गई हो और विनिमय पत्र प्रतिगृहित न किया जाए।
D. उपरोक्त सभी।
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